सूखी घास की महक लिए थोड़े गीले गीले से डेस्क बेंच सूखी घास की महक लिए थोड़े गीले गीले से डेस्क बेंच
सुनता था मोहब्बत में होता है सब जायज... सुनता था मोहब्बत में होता है सब जायज...
वादा किया है हमने खुद से दिल आपके नाम हो। वादा किया है हमने खुद से दिल आपके नाम हो।
पथराई सी नजरें, तेरा जिस्म कांप रहा था पथराई सी नजरें, तेरा जिस्म कांप रहा था
साथ विरह, झगड़ा सुलह, सब बदलता रहेगा सब साथ छोड़ेंगे, बस साथ रहेगी तो आस। एक आस ही तो साथ विरह, झगड़ा सुलह, सब बदलता रहेगा सब साथ छोड़ेंगे, बस साथ रहेगी तो आस। ...
मै आ गई हूं इक्कीसवीं सदी में, तुम्हारा दखल मेरे रहन सहन,पहनावे, शिक्षा, रीति रिवाज मै आ गई हूं इक्कीसवीं सदी में, तुम्हारा दखल मेरे रहन सहन,पहनावे, शिक्षा, ...